राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए योजना बनाने में जुटा शिक्षा महकमा

 हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने को योजना बनाने में शिक्षा विभाग के अधिकारी जुट गए हैं। कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए बदलावों के प्रस्ताव रखे जाएंगे। अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से नीति को प्रदेश में लागू किया जाएगा। ग्यारहवीं कक्षा से कॉलेजों तक संकाय सिस्टम खत्म होगा। दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। प्राइमरी स्कूलों के लिए अलग से शिक्षक भर्ती किए जाएंगे।

शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्री-प्राइमरी स्कूलों में तीन वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे। अभी करीब चार हजार सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी की कक्षाएं चल रही हैं। सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जानी हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भारत सरकार के दिशा निर्देशों का इंतजार है। शिक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट अप्रूबल बोर्ड की बैठक में शिक्षक भर्ती को लेकर फैसला होना है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम तीन से 14 वर्ष की आयु तक के विद्यार्थियों पर लागू होगा।

9वीं से बारहवीं कक्षा तक एक ही सब्जेक्ट ग्रुप भी बनाया जाएगा। विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, आईटी और वोकेशनल विषयों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। आईटी और वोकेशनल विषय छठीं कक्षा से शुरू हो जाएंगे। संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा। कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी को समाप्त कर इसकी जगह क्रेडिट स्कोर सिस्टम शुरू होगा। पीएचडी के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट होगा।

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